दो वर्णोँ या अक्षरोँ के परस्पर मेल से उत्पन्न विकार को ‘संधि’ कहते हैँ। जैसे – विद्या+आलय = विद्यालय। यहाँ विद्या शब्द के ‘या’ वर्ण और आलय शब्द के ‘आ’ वर्ण मेँ संधि होकर ‘आ’ बना है।
संधि के भेद :
परस्पर मिलने वाले वर्ण स्वर, व्यंजन और विसर्ग होते हैँ, अतः इनके आधार पर ही संधि तीन प्रकार की होती है –
(1)स्वर संधि,
(2) व्यंजन संधि,
(3) विसर्ग संधि।
संधि–विच्छेद :
संधि शब्दोँ को अलग–अलग करके संधि से पहले की स्थिति मेँ लाना ही संधि विच्छेद कहलाता है। संधि का विच्छेद करने पर उन वर्णोँ का वास्तविक रूप प्रकट हो जाता है। जैसे– हिमालय = हिम+आलय।
संधि एवं संधि विच्छेद » Exercise - 257. निम्नलिखित प्रश्न में दिए गए शब्द में प्रयुक्त संधि के प्रकार का चयन उसके नीचे दिए विकल्पों में से कीजिए। सदुपदेश (a) विसर्ग संधि (b) व्यंजन संधि (c) अयादि संधि (d) यण संधि
संधि एवं संधि विच्छेद » Exercise - 261. निम्नलिखित प्रश्न में दिए गए शब्द में प्रयुक्त संधि के प्रकार का चयन उसके नीचे दिए विकल्पों में से कीजिए। परमात्मा (a) यण संधि (b) गुण संधि (c) वृद्धि संधि (d) दीर्ध संधि
संधि एवं संधि विच्छेद » Exercise - 260. निम्नलिखित प्रश्न में दिए गए शब्द में प्रयुक्त संधि के प्रकार का चयन उसके नीचे दिए विकल्पों में से कीजिए। कपीश (a) वृद्धि संधि (b) दीर्घ संधि (c) यण संधि (d) विसर्ग संधि